रांची। आजादी के बाद से अब तक रांची लोकसभा क्षेत्र के लिए हुए चुनाव में सबसे ज्यादा बार कांग्रेस ने विजयश्री हासिल की। आजाद भारत में सबसे पहले लोकसभा का चुनाव 1952 में हुआ। रांची लोकसभा क्षेत्र के लिए कुल 17 चुनाव हुए। जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 8 बार सफलता मिली जबकि भाजपा को 6 बार विजय श्री हासिल हुई। इसके अलावा तीन बार 1957 1977 और 1989 में क्रमशः स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मीनू मसानी जनता पार्टी के टिकट पर रवींद्र वर्मा और जनता दल के टिकट पर सुबोध कांत सहाय को सफलता मिली थी। कांग्रेस के उम्मीदवार अब्दुल इब्राहिम 1952 में पीके घोष 1962 में 1967 में और 1971 में शिव प्रसाद साहू 1980 और 1नं984 में, सुबोध कांत 2004 और 2009 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। इसके अलावा सुबोध कांत सहाय जनता दल के टिकट पर 1989 में भी चुनाव जीते थे। इसी प्रकार भाजपा के के रामटहल चौधरी 1991, 1996, 1998, 1999 और 2014 तथा भाजपा के ही संजय सेठ 2019 में सफलता हासिल की। कांग्रेस के प्रत्याशी आठ बार चुनाव जीतने में सफल रहे वहीं भाजपा के प्रत्याशी छह बार चुनाव जीते लेकिन जहां राम पहला चौधरी 5 बार चुनाव जीतने में सफल रहे वहीं कांग्रेस के पीके घोष तीन बार और सुबोध कांत सहाय भी तीन बार चुनाव जीतने में सफल रहे। फर्क इतना था की सुबोध कांत दो बार कांग्रेस के टिकट पर और एक बार जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते।
कांग्रेस की जीत
