सेंटर फॉर सस्टेनेबल यूज ऑफ नेचुरल एंड सोशल रिसोर्सेज (सीएसएनआर) पिछले 9 वर्षों से ओडिशा में लोगों के अनुकूल और जवाबदेह पुलिस व्यवस्था के लिए काम कर रहा है।
कार्यशाला का उद्देश्य झारखण्ड में पुलिस स्टेशनों में महिला और बाल डेस्क की प्रभावशीलता और चुनौतियों का आकलन करना था। यह पहल राज्य में पुलिस सुधारों के लिए सीएसएनआर के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। इस कार्यक्रम में बाल आयोग, सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी, कानूनी विशेषज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिक समाज संगठनों के सदस्यों जैसे विविध पृष्ठभूमि के प्रतिनिधियों सहित प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाया गया। प्रतिभागियों ने सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए अपने दृष्टिकोण और अनुभव साझा करते हुए व्यावहारिक चर्चा की।
विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिष्ठित अतिथि वक्ता और प्रतिभागी, जैसे एडवोकेट सोनल तिवारी (झारखंड उच्च न्यायालय), डॉ. शालिनी साबू (सहायक प्रोफेसर, कानूनी अध्ययन संस्थान, रांची विश्वविद्यालय), सुश्री अंशु माला कर्ण (सदस्य, बाल कल्याण समिति, रांची), सुश्री अरुणा कुमारी (सदस्य, बाल कल्याण समिति, रांची) , सुश्री आलोका खुजूर (सामाजिक कार्यकर्ता)।सीएसएनआर की ओर से कार्यशाला का संचालन एडवोकेट चंद्रनाथ दानी ने किये । रांची से श्री अजय सिंह, सुश्री फरजाना फारुकी, श्री दामोदर तुरी, सुश्री सुजाता भगत, श्री परबिश कुरैशी आदि उपस्थित थे ।धन्यवाद ज्ञापन सुश्री पल्लीश्री दाश ने किया ।
डॉ. शालिनी साबू ने महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित विभिन्न कानूनों पर अपना भाषण दिया, सुश्री अंशु माला कर्ण ने बाल कल्याण समिति में उनके काम और पुलिस से मिलने वाली सहायता पर बात की, सुश्री अरुणा कुमारी ने बच्चों से संबंधित दिशा-निर्देशों पर बात की, एडवोकेट सोनल तिवारी ने महिलाओं एवं बच्चों के लिए विभिन्न राज्यों की योजनाओं, निर्भया फंड के तहत महिला हेल्प डेस्क बनाने और पुलिस स्टेशनों में महिला हेल्प डेस्क स्थापित करने के गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों पर बात की, सुश्री अलोका खुजूर ने महिला हेल्प डेस्क और पुलिस स्टेशनों के अंदर परामर्शदाताओं की उपस्थिति के महत्व पर बात की।
कार्यशाला में महिला एवं बाल डेस्क के कामकाज से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिनमें पुलिस कर्मियों की भूमिका, पीड़ितों की सहायता के लिए तंत्र, पुनर्वास और कानूनी ढाँचे शामिल थे। साथ ही, “पुलिस थानों में महिला एवं बाल डेस्क के कामकाज” पर अध्ययन के लिए कार्यप्रणाली और कार्य योजना पर भी चर्चा हुई।
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